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भारत में अल्पसंख्यकों से भेदभाव की अमेरिकी मानवाधिकार रिपोर्ट को सरकार ने किया ख़ारिज

 26 Apr 2024

अमेरिका की ताज़ा मानवाधिकार रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों से सुनिय़ोजित तरीके से भेदभाव हो रहा है। अमेरिकी के ब्यूरो ऑफ डेमोक्रेसी ह्यूमन राइट्स की इस रिपोर्ट में मणिपुर और कश्मीर का भी जिक्र है। इस रिपोर्ट में भारत के पड़ोसी देशों में लोगो के साथ हो रहे मनवाधिकार हनन का भी विवरण दिया गया है। रिपोर्ट को लेकर संस्था के एक वरिष्ठ अधिकारी रॉबर्ट एस गिलक्रिस्ट ने मंगलवार को कहा, "गणतंत्र और मानवाधिकारों के मामले में भारत और अमेरिका के बीच उच्चतम स्तर पर बातचीत होती रहती है। लेकिन हम भारत से गुजारिश करेंगे कि वो मानवाधिकारों से जुड़े नियम को पालन करें।


रिपोर्ट में क्या लिखा है

इस रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने अल्पसंख्यकों, ख़ासकर मुसलमानों के ख़िलाफ़ सुनिय़ोजित तराकी से भेदभाव किया है। बीजेपी का समर्थन करने वालों ने चुनिंदा समूहों पर हिंसक हमले किए जो बीजेपी का विरोध करते हैं। रिपोर्ट में मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हुई जातीय हिंसा का की बात जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 3 मई से 15 नवम्बर के बीच कई मानवाधिकार के हनन से जुड़े मामले देखे गए। इसमें बलात्कार , दुकान और घर जलाने और पूजा स्थलों को नष्ट करने के कई मामले देखे गए। इस दौरान 175 लोगों की मौत हुई और 60 हज़ार से अधिक लोग दूसरे स्थान पर चले गये।

रिपोर्ट में पुलिस द्वारा किए गए एनकाउंटर का भी जिक्र किया गया है। जैसे उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत में हुई समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या और ओडिशा में पुलिस हिरासत में कथित तौर पर हुई धनेश्वर बेहेरा की हत्या, जम्मू और कश्मीर  से लोगों के गायब होने के मामले, राजस्थान में 21 साल की एक महिला के सामूहिक बलात्कार का मामला, पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन की गिरफ्तारी, जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत 2019 में 800 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी, और यूएपीए कानून का गलत इस्तेमाल। रिपोर्ट में राजस्थान के भिवानी में मोहम्मद जुनैद और मोहम्मद नासिर की कथित तौर पर गोवंश की तस्करी के आरोप में मॉब लिंचिंग जैसी घटना का जिक्र किया गया है।

भारत की प्रतिक्रिया

 भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट बेहद पक्षपातपूर्ण है और भारत के बारे में गलत समझ को दर्शाती है। 'हम इस तरह की रिपोर्ट को कोई महत्व नहीं देते और आप को भी ऐसी रिपोर्ट पर ध्यान नहीं देना चाहिए'- उन्होंने कहा।


भारत के पड़ोसी देश के हालात

रिपोर्ट में चीन में वीगर अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हो रहे उत्पीड़न, म्यांमार में रोहिंग्या अल्पसंख्यक मुसलमानों के साथ हो रहे अपराध और उनका विस्थापन और अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा महिलाओं से शिक्षा का अधिकार छीनने जैसी घटनाओं का भी जिक्र किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और भारत में सीमा को लेकर विवाद बढ़ा है लेकिन मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने चीन की दमनकारी नीति जैसे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन नहीं करने देना, अभिव्यक्ति की आजादी खत्म करना और सत्ता में रहने के लिए गलत तकनीक का इस्तेमाल करने को अपनाया है।